कुंडली के ६वे भाव ,एकादश भाव ,तथा द्वादश भाव से कर्जों की स्थिति देखी जाती है. इन भावों के स्वामियों के कमजोर होने पर या इन भावों में शुभ ग्रहों के होने पर कर्जों की स्थिति बन जाती है। अगर हाथ का रंग कालापन लिए हुये हो या अंगुलियाँ टेढ़ी मेढ़ी हो तो कर्ज में ही जिन्दगी बीत जाती है। अगर व्यक्ति हाथ में बीचों बीच तिल हो तो व्यक्ति कर्ज लेकर ही जिन्दगी में आगे बढ़ पाता है।

ग्रहों के अनुसार कब कर्ज चुक जाता है? और कब व्यक्ति कर्ज चुकाना नहीं चाहता?
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- दायित्व भाव पर बृहस्पति या शुक्र के शुभ प्रभाव होने पर कर्ज आसानी से चुक जाता है

- मंगल का प्रभाव होने पर व्यक्ति को कर्ज से छुटकारा पाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है

- शनि का प्रभाव होने पर व्यक्ति के लिए कर्ज चुकाना एक चुनौती होती है,कर्ज नहीं चुक पाता

- राहू केतु या ख़राब बुध का प्रभाव होने पर व्यक्ति कभी भी कर्ज नहीं चुकाना नहीं चाहता

- शनि मंगल का संयुक्त प्रभाव होने पर कर्ज के कारण व्यक्ति को अपमानित होना पड़ता है ,

- कभी कभी ऐसी स्थिति में व्यक्ति आत्महत्या भी कर लेता है

कर्ज के लेन देन में क्या सावधानी रखें?
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अपनी कुंडली या हस्तरेखा के जांच पड़ताल के बाद ही कर्ज में हाथ डालें

कभी भी शनिवार को कर्ज न लें,महीने की ८,१७ अथवा २६ तारीख को भी छोड़ दे

प्रयास करें की सोमवार,बुधवार या शुक्रवार को ही कर्ज लें

कर्ज के पेपर को काले कलम से न भरें

कर्ज के पेपर पर हस्ताक्षर के पूर्व निम्न मंत्र को मन में पढें - 
त्वदीयं वस्तु गोविन्दम तुभ्यमेव समर्पयेत

कर्ज अगर जरूरत से ज्यादा हो और लाख उपाय करने पर भी चुक नहीं पा रहा हो

- मंगलवार को मध्य रात्रि में हनुमान जी के सामने बैठें

- उनके सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं

- इसके बाद एक विशेष मंत्र का जाप करें

- मंत्र होगा - "हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट"  

- ये प्रयोग लम्बे समय तक मंगलवार को करते रहें

- कर्ज मुक्ति के साथ साथ आपकी आय भी बढ़ेगी