कृष्ण पक्ष (हिन्दू काल गणना)* 🌔
सनातनी (हिन्दू) काल गणना के अनुसार एक मास को दो पक्षो में विभक्त किया गया है, इनमें से एक पूर्णिमा एवं अमावस्या के बीच के चरण को कृष्ण पक्ष माना गया है
आख्यानों के अनुसार द्वापर युग में इसी पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण भी अवतरित हुए थे
कृष्ण पक्ष की रात्रि शुक्ल के अपेक्षाकृत अधिक अंधेरी होती है जिसके पीछे का मूल कारण चंद्रमा की घटती हुई कलाएं हैं
इस दौरान चंद्रमा की शक्ति क्षीण होने से ज्योतिषीय गणनाओं में सामान्यतः इसे शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है
पूर्णिमा के अगले दिन से प्रारंभ होने वाले कृष्ण पक्ष के दौरान दरअसल चंद्रमा का आकार एवं प्रकाश दोनों ही क्षीण होने लगते है
अमावस्या की रात कृष्ण पक्ष के अंतर्गत सबसे अधिक अंधेरी रात होती है जिसके अगले दिन से चंद्रमा के आकार एवं प्रकाश दोनों में बढ़ोत्तरी देखी जाती है
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